Saturday, 28 April 2012

sex story "एनिमेशन क्लास"

एनिमेशन क्लास



मे बंगलोर में जॉब करता हूँ। आज आपको मैं अपनी पहली चुदाई की कहानी बता रहा हूँ।
जब मैं इंस्टिट्यूट में था तो मेरे साथ एक लड़की पढ़ती थी, उसका नाम है निशा।
बिल्कुल मस्त माल है। उसकी उम्र 19 साल थी जब मैंने उसे चोदा था।
तो चलिए आपको शुरू से कहानी बताता हूँ।
बंगलोर में ही एनिमेशन की क्लास में मेरी मुलाकात निशा से हुई। एकदम मस्त लड़की थी। जब हमारा 3डी मॉडलिंग की क्लास शुरु हुई तो सर ने हमें लड़की का मॉडल बनाने को दिया।
मैं लैब में बैठ कर मॉडल बना रहा था तभी निशा मेरे पास आई।
"शंकर, बहुत अच्छा बना रहे हो?"
मैंने उसे देखा।
वो मुस्कुराई- मेरी भी मदद कर दो ना? मुझे ज्यादा समझ नहीं आया !
"क्या परेशानी है?"
"वो जरा...... तुम खुद चेक कर लो।"
और वो शरमा गई।
मैंने उसकी फाइल देखी तो उसने चूची नहीं बनाई थी।
"तुम्हें ये बनाने नहीं आते?"
"नहीं !"
"ओ के, यह फेस सेलेक्ट करो और ओके करो !"
"ओके !"
वो मुस्कुराई, लेकिन शरमा भी रही थी। उसकी आँखें लाल हो रही थी। उसको इस तरह देख मेरा लण्ड खड़ा हो गया। मुझे वो अच्छी लगने लगी।
"अगर ज्यादा परेशानी हो तो लैब के बाद मेरे कमरे पर चलो, वहाँ विस्तार से समझा दूँगा।"
"ओ के शंकर, तुम्हारे कमरे पर ही चलते हैं !"
क्लास के बाद हम दोनों कमरे में आ गए। उसकी आँखें अभी भी लाल थी।
"चाय या काफी?"
"आई लव यू !"
"व्हाट........... " मैं एकदम से बोला,"यह तुम क्या बोल रही हो?"
उसने मुझे अपनी बाहों में ले लिया, मेरे ओंठों को चूसने लगी।
"मुझे पता है तुमने मुझे कमरे में क्यों बुलाया !"
"ओ के निशा !"
मैं उसके ऊपर के ओंठों का रसपान करने लगा। वो भी मेरा साथ देने लगी। करीब दस मिनट तक हम एक-दूसरे के ओंठों का रसपान किया।
मैं उसके चूचे दबाने लगा। वो मेरे लण्ड को पैंट के ऊपर से ही दबा रही थी। हमने एक दूसरे के कपड़े उतारने शुरु किए। कुछ ही पलों में हम बिल्कुल नंगे थे।
वो मेरा लण्ड अपने मुँह में लेकर चूसने लगी। मेरा लण्ड बिल्कुल मस्त हो चुका था लेकिन बहुत जल्दी ही मैं झड़ गया, मैंने सारा वीर्य उसके मुँह में ही गिरा दिया।
"पहली बार है?"
"हाँ !"
"इसलिए इतनी जल्दी झड़ गए !"
उसने मुझे अपनी बुर चाटने के लिए कहा। मैंने उसकी बुर को चाटना शुरू किया।
"आह बहुत मज़ा आ रहा है !"
फिर से वो मेरा लण्ड चूसने लगी। मेर लण्ड फिर से खड़ा हो गया।
"मेरा भी पहला है ! अब इसे मेरी बुर में डाल दो, मगर धीरे से !"
"ओके डीयर !"
मैंने अपना सुपारा उसकी बुर में डाल दिया।
"धीरे से शंकर ! दर्द हो रहा है !"
मैंने उसकी चूची को मुँह में ले लिया और चूसने लगा। अपना लण्ड भी धीरे धीरे अंदर डाल रहा था लेकिन लण्ड जा नहीं रहा था। मैंने थोड़ा जोर लगा दिया।
"मर गई..... जल्दी निकालो !"
मैंने लण्ड निकाला तो उसमें खून लगा था, मैंने खून को साफ़ किया।
"बहुत दर्द हो रहा है?"
"हाँ !"
मैं उसके ओंठों को चूसने लगा, चूची को भी दबा रहा था। करीब दस मिनट बाद मैंने फिर से अपना लण्ड उसकी बुर में डाला।
"अब कैसा लग रहा है निशा?"
"हल्का दर्द है, पर मज़ा आ रहा है ! तुम डालो !"
"ओके !"
मैं अपना लण्ड उसकी बुर में अन्दर-बाहर करने लगा। थोड़ी देर में वो भी साथ देने लगी। करीब बीस मिनट तक मैं उसे चोदता रहा।
"निशा मेरा निकलने वाला है !"
"बाहर करना !"
"ओके !"
और मेरा सारा वीर्य उसकी नाभि में गिर गया। कुछ देर तक हम ऐसे ही रहे, उसके बाद फ्रेश होकर निशा को उसके घर छोड़ दिया।
हम हर रोज़ क्लास के बाद सेक्स करते रहे।

आज मैं कंपनी में जॉब करने लगा हूँ और निशा की शादी हो चुकी है।


sex story "वो लाइन देती थी"

वो लाइन देती थी

मे 28 साल का हूँ। मेरा लंड नौ इंच का है, न जाने कितनी चूत चोद चुका हूँ।
मैं अन्तर्वासना का पिछले एक वर्ष से नियमित पाठक हूँ। मैंने यहाँ बहुत सी कहानियाँ पढ़ी हैं। मैं भी आप सबसे अपना अनुभव बांटना चाहता हूँ। मेरे पड़ोस में एक भाभी रहती है, उसके साथ पहली बार सेक्स किया था। भाभी की उम्र 38 की थी तब, देखने में बहुत ही सुन्दर, जिस्म 34-28-36 का होगा। कई बार उसको मैंने कपड़े सुखाते देखा छत पर !
मैं उसे देखता था और वो लाइन देती थी।
एक बार मैंने अपने लण्ड के ऊपर हाथ से दबाया तो उसने अपनी चूत पर हाथ रख कर दबाया।
एक दिन मैं ऊपर था तो उसने मुझे अपने घर आने के लिए बोला।
मैंने कहा- आऊँगा तो कुछ करके जाऊँगा ! वो बोली- इसलिए तो बुलाती हूँ, जल्दी आ जाओ, बहुत दिनों से तुमसे चुदना चाहती हूँ।
मैं उसके घर गया तो वहाँ पर कोई नहीं था, वो ख़ुशी से मेरे गले से लिपट गई और मुझे दनादन चूमने लगी। मैं इस हमले के लिए तैयार नहीं था, थोड़ा संभल कर मैंने भी उसे अपनी बाहों में जकड़ लिया और उसके होंठों को चूसने लगा। वो गर्म होने लगी थी। मेरे हाथ उसके मम्मों पर चले गए और मैं नाइटी के ऊपर से ही दबाने लगा, उसने ब्रा नहीं पहन रखी थी।
दबाते-दबाते मैंने उनकी नाइटी उतार दी और मम्मे चूसने लगा। उसकी साँसें अब तेज होने लगी थी। मैंने उसके मम्मों के चुचूकों को अपने होंठों में दबा लिया और धीरे धीरे उन्हें चूसने लगा। उसकी आहें निकलने लगी। पूरा कमरा मानो गर्मी से भर गया।
मैंने उसके चुचूकों को चूसते हुए अपना हाथ उसकी पैंटी में डाल दिया। उसकी चूत चिकनी थी, ऐसा लगा कि उसने तभी बाल साफ़ किए हों !
मेरी उंगलियाँ उसकी चूत की दरार में पहुँच गई, वो सिसक पड़ी और बोली- अच्छे से करो ! मसल दो आज......
मैं भी पूरी उतेजना में आ चुका था, मेरा हथियार भी तन कर खड़ा हो गया था और उसकी चूत को सलामी दे रहा था। उसने मेरा लण्ड पकड़ लिया और अपने मुँह में लेकर चूसने लगी। मेरी सिसकी निकल गई। वो इतने अच्छे से उसे चूस रही थी कि मुझे बहुत मज़ा आ रहा था। इतना मज़ा कभी मुठ मारने में भी नहीं आया था। वो चूसे जा रही थी और मैं बस असीम आनंद में लीन होता जा रहा था।
मेरे उंगली करने से उसकी चूत ने पानी छोड़ना शुरु कर दिया, उसने कहा- मेरी चूत को चाट !
मुझे कुछ अजीब सा लगा पर मैं बेमन उसकी चूत चाटने लगा। थोड़ी देर में मुझे मजा आने लगा और मैंने अपनी जीभ उसकी चूत की दरार में फिरानी शुरू कर दी तो उसके मुँह से सीईईईइ की आवाज निकल पड़ी। उसने मेरे सर को कस के दबा दिया और मैं उसकी चूत का मज़ा लेने लगा। 10-12 मिनट में वो झड़ गई और मैंने उसकी चूत का सारा पानी चाट लिया।
फिर मैंने उसे गोद में उठाया और सोफे पर लिटा दिया और उनके मम्मों को चूसने लगा। वो बिलकुल गर्म थी, कहने लगी- अब देर ना कर ! बेचैनी बढ़ रही है ! जल्दी से मेरी बेचैनी शांत कर !
मैं उसका इशारा समझ गया, मैंने कहा- इसे तो तैयार करो !
उसने मेरा लण्ड चूसना शुरू किया और वो फिर से तन कर खड़ा हो गया, उसने पास से ही एक कण्डोम लेकर मेरे लण्ड पर चढ़ाया और मैं अपना लण्ड उसकी चूत से रगड़ने लगा।
वो बेचैन हुए जा रही थी, कहने लगी- जल्दी कर ! बर्दाश्त नहीं होता !
मैंने ज्यादा देर तड़फ़ाना ठीक नहीं समझा और अपना लण्ड उसकी चूत में डालने की कोशिश करने लगा। वो मुझे देख कर हंसी और बोली- तू निरा बुद्धू है ! नीचे वाले में पकड़ कर डाल !
मैंने डाला और जोर से धक्का दिया तो उसके मुँह से सिसकी निकल पड़ी- सीईऽऽऽ..... कहा- मार डालेगा क्या ? धीरे कर !
लेकिन मुझे मज़ा आ रहा था, मैंने धीरे-धीरे धक्का लगाना शुरू किया। उसकी सिसकारियाँ निकलनी शुरु हो गई, वो कह रही थी- और जोर से ! और जोर से ! और जोर से !
और मेरा जोश बढ़ता जा रहा था। मैंने तेज रफ़्तार से धक्के लगाने शुरू कर दिए। लगभग 20 मिनट बाद उसका शरीर अकड़ने लगा, शायद वो झड़ने वाली थी पर मेरा अभी नहीं हुआ था।
उसने कहा- दीपक ईईई ऽऽऽ.....
मैंने अपने धक्के तेज कर दिए थे। थोड़ी देर में मैं भी झड़ गया और उसके ऊपर गिर गया। थोड़ी देर हम ऐसे ही बेसुध पड़े रहे। फिर वो उठी और मेरे गाल पर चूमा और कहा- इतना मजा मुझे कभी नहीं आया था।
उसके बाद बोली- अब जब मन चाहे चुदाई कर लेना

sex story "पूजा दीदी की सील"

पूजा दीदी की सील

बात उन दिनों की है जब मैं अप्रैल में बारहवीं के पेपर देकर मामा जी के पास नंगल गया। मेरे मामाजी की बड़ी लड़की पूजा की शादी तय हुई थी 28 जून की। तो मुझे दो महीने वहीं रहने के लिए कहा गया।
घर में बहुत काम रहता था ! शादी की तैयारियाँ जोरों से चल रही थी। पूजा मुझसे बड़ी थी इसलिए मैं उसे पूजा दीदी कह कर बुलाता था। पूजा दिखने में तो जैसे परी थी ! गोरा रंग, गोल-गोल मम्मे और स्लिम फिगर !
जो उसे देखता, बस देखता ही रह जाता था ! पूजा बहुत ही देसी लड़की थी लेकिन बिना कोई फ़ैशन किये भी वो हिरोइन लगती थी !
पूजा मेरे साथ बहुत ही घुलमिल कर रहती थी ! हम दोनों अक्सर देर रात तक अकेले गप्पें मारते रहते !
पूजा दीदी के बारे में अपने दिल की एक बात बताऊँ ! तो वो मुझे बहुत अच्छी लगती थी पर उसे कभी गलत विचार से नहीं देखा था मैंने !
एक दिन अचानक नानाजी की तबियत बहुत ख़राब हो गई! उन्हें चंडीगढ़ पी जी आई ले जाना पड़ा ! घर में पूजा अकेली रह रही थी ! मामा जी ने मुझे भी पूजा के साथ रुकने को कहा, वे बोले- रणबीर बेटे, हम तेरे नानाजी को चंडीगढ़ ले जाते हैं, तू पूजा बेटी के साथ घर में रह !
मैंने कहा- ठीक है मामा जी ! आप निश्चिन्त रहें !
अब हम दोनों भाई बहनों को कोई काम तो था नहीं, तो तय हुआ कि मूवी देखते हैं।
टेलीविज़न ओन किया तो बेकार बेकार फिल्म चल रही थी !
मैंने कहा- दीदी इंग्लिश फिल्म देखते हैं, हिंदी तो सारी बेकार रही हैं !
पूजा दीदी बोली- जैसा तुम्हें अच्छा लगे, लगा लो।
मैंने जी इंग्लिश ओन किया ! वहाँ जो मूवी लगी हुई थी उसमें चुम्बन-दृश्य चल रहा था! मुझे शर्म सी आने लगी क्योंकि दीदी से मैं कभी ऐसी वैसी बात नही करता था और मैंने झट से चैनल बदल  दिया !
दीदी बोली- वही पीछे वाला चैनल लगा ! मुझे देखना है कि वो कैसे कर रहे हैं !
मैंने कहा- दीदी, यह इंग्लिश फिल्मों में होता है !
वो बोली- तुम लगाओ तो सही !
मैंने फिर से वही चैनल लगा दिया ! इतने में फिल्म में नायक-नायिका एक दूसरे को चाटने लगे और कपड़े खोल कर चूमने लगे ! इसके बाद सीन फ्लशबैक में चला गया !
दीदी बोली- यह सब कैसे करते होंगे ये लोग सबके सामने?
मैं बोला- आजकल तो यह सब भारत में भी होने लगा है !
दीदी बोली- एक बात पूछूं?
मैंने कहा- पूछो !
दीदी बोली- तुम मुझे किस करोगे क्या? मुझे भी देखना है कि किस करके कैसा लगता है !
मेरे तो जैसे होश उड़ गये ! पर मैं मुस्कुराने लगा और बोला- दीदी, मैंने कभी किस नही किया, मुझे नहीं पता कि किस कैसे करते हैं।
दीदी बोली- मुझे भी नहीं पता, आज देखते हैं करके !
मैं दीदी के पास जाकर बैठ गया ! दीदी ने मुझे अपनी बाँहों में ले लिया ! वैसा ही सीन बन गया जैसे कि फिल्म में चल रहा था ! मैंने भी दीदी को बाँहों में ले लिया और उसके होंठों को चूमने लगा ! लगभग 5 मिनट तक हम एक दूसरे को चूमते रहे !
एकदम दीदी बोली- रणबीर, अब बस करो ! मुझे कुछ अजीब सा लग रहा है।
मैं समझ गया कि दीदी गर्म होने लगी है, मैंने कहा- दीदी, मुझे आपसे किस करके बहुत अच्छा लग रहा है ! और करूँ ?
वो कुछ नहीं बोली ! मैंने फिर से उसे चूमना शुरू कर दिया ! मैं समझ गया कि वो चुदवाने के मूड में है। मैंने हिम्मत करके अपना एक हाथ उसके मम्मों पर रख दिया !
वो कुछ नहीं बोली तो मेरी हिम्मत और भी बढ़ गई ! मैं उसके दोनों मम्मे दबाने लगा ! उसके मुंह से सिसकारियाँ निकलने लगी !
मैंने धीरे से दीदी की कुर्ती ऊपर उठाई और मम्मे चूसने लगा !
दीदी के कुछ भी बोलने पर मैंने कहा- दीदी, यह कुर्ती उतार दो प्लीज़ !
वो बोली- रणबीर मुझे डर लग रहा है, किसी को पता चल गया तो?
मैं बोला- दीदी कुछ नहीं होगा, किसी को पता नहीं चलेगा।
वो मान गई !
उसके मम्मों के बारे में क्या बताऊँ ! एकदम गोल और दूध की तरह सफ़ेद ! मैं उसके मम्मे चूस रहा था और वो सिसकारियाँ ले रही थी !
मैंने अपना हाथ उसकी सलवार में डाला तो उसकी फुद्दी एकदम गीली हो चुकी थी ! मैंने धीरे से उसकी सलवार का नाड़ा खोल दिया तो वो बोली- देख रणबीर, हम जो कर रहे हैं, यह गलत है। अब बस करो !
मैं बोला- दीदी, जब हमने इतना कुछ कर लिया तो अब गलत-सही की बात क्या रह गई?
दीदी बोली- रणबीर, ठीक है ! लकिन यह बात किसी को पता नहीं लगनी चाहिए।
अब दीदी मेरे सामने बिल्कुल नंगी पड़ी थी ! लगभग 15 मिनट की चूमाचाटी के बाद मैंने अपनी पैंट उतारी और अपना छः इंच का लन निकाला तो वो बोली- इतना बड़ा होता है लड़कों का लन?
मैंने कहा- इसे तुम्हारी फुद्दी में डालूंगा।
दीदी बोली- बाप रे ! मुझे मारना है क्या !!??
मैं बोला- तुम एक बार डलवाओ तो सही, तुम्हें पता भी नहीं चलेगा कि यह कहाँ गया।
वो हंसने लगी और मेरे लन को हाथ में पकड़ कर सहलाने लगी !
मैंने दीदी को सोफे पर लिटाया और अपना लंड उसकी फुद्दी में पेलने लगा ! वो दर्द से चिल्लाने लगी ! मैं जोर से झटके मारने लगा।
दीदी बोली- बस कर, बहुत दर्द हो रहा है।
किन मैं कहाँ सुनने वाला था ! अभी 2-3 मिनट हुए थे कि मेरा सारा जोश दीदी की फुद्दी में निकल गया ! मैं हांफता हुआ दीदी के ऊपर गिर गया !
दीदी की सील टूट गई थी !
जब एक मिनट के बाद मैं उठा तो देखा दीदी कि फुद्दी से खून निकल रहा है !
दीदी बोली- तूने तो मार ही दिया था आज मुझे ! देख कितना खून निकल रहा है !
मैं बोला- दीदी, पहली बार ऐसा होता है, फिर सब ठीक हो जाता है। आओ, फिर से करते हैं ! इस बार तुम्हें बहुत मजा आएगा क्योंकि मैंने भी पहली बार किया, इसलिए जल्दी हो गया।
लेकिन पूजा दीदी मना करने लगी। लेकिन थोड़ी देर में मैंने उसे फिर से मना लिया ! अब दूसरी बार हम फिर सेक्स के लिए तैयार थे।
इस बार मैंने जल्दी नहीं की और आराम से उसे चोदने लगा। दूसरी चुदाई लगभग दो घंटे तक चली। इस बार पूजा दीदी को भी बहुत मज़ा आया। दीदी की फुद्दी से बहुत खून भी निकला बाद में, लेकिन सुबह तक सब सामान्य हो गया।
दूसरे दिन हम दोनों ने फिर चुदाई कि ! लेकिन उसके बाद कभी मौका नहीं मिला। दो महीने बाद दीदी की शादी हो गई। वो अब भी मुझे बहुत याद करती है !